Summary
Slay Drona and Bhisma, and Jayadratha, and Karna as well as the other heroes of the world-all already slain by Me. Do not get distressed; fight; you shall vanish enemies in the battle.
पदच्छेदः
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द्रोणं | द्रोण (२.१) |
च | च (अव्ययः) |
भीष्मं | भीष्म (२.१) |
च | च (अव्ययः) |
जयद्रथं | जयद्रथ (२.१) |
च | च (अव्ययः) |
कर्णं | कर्ण (२.१) |
तथान्यानपि | तथा (अव्ययः)–अन्य (२.३)–अपि (अव्ययः) |
योधवीरान् | योध–वीर (२.३) |
मया | मद् (३.१) |
हतांस्त्वं | हत (√हन् + क्त, २.३)–त्वद् (१.१) |
जहि | जहि (√हा लोट् म.पु. ) |
मा | मा (अव्ययः) |
व्यथिष्ठा | व्यथिष्ठाः (√व्यथ् म.पु. ) |
युध्यस्व | युध्यस्व (√युध् लोट् म.पु. ) |
जेतासि | जेतासि (√जि लुट् म.पु. ) |
रणे | रण (७.१) |
सपत्नान् | सपत्न (२.३) |
छन्दः
उपजातिः [११]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ | १० | ११ |
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द्रो | णं | च | भी | ष्मं | च | ज | य | द्र | थं | च |
क | र्णं | त | था | न्या | न | पि | यो | ध | वी | रान् |
म | या | ह | तां | स्त्वं | ज | हि | मा | व्य | थि | ष्ठा |
यु | ध्य | स्व | जे | ता | सि | र | णे | स | प | त्नान् |