Summary
I am thrilled by seeing what has not been seen earlier; and my mind is very much distressed with fear; show me the same (usual) form of Yours; kindly be appeased O God ! Lord of gods ! O Abode of the worlds !
पदच्छेदः
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अदृष्टपूर्वं | अदृष्ट–पूर्वम् (अव्ययः) |
हृषितो | हृषित (√हृष् + क्त, १.१) |
ऽस्मि | अस्मि (√अस् लट् उ.पु. ) |
दृष्ट्वा | दृष्ट्वा (√दृश् + क्त्वा) |
भयेन | भय (३.१) |
च | च (अव्ययः) |
प्रव्यथितं | प्रव्यथित (√प्र-व्यथ् + क्त, १.१) |
मनो | मनस् (१.१) |
मे | मद् (६.१) |
दिशो | दिश् (२.३) |
न | न (अव्ययः) |
जाने | जाने (√ज्ञा लट् उ.पु. ) |
न | न (अव्ययः) |
लभे | लभे (√लभ् लट् उ.पु. ) |
च | च (अव्ययः) |
शर्म | शर्मन् (२.१) |
प्रसीद | प्रसीद (√प्र-सद् लोट् म.पु. ) |
देवेश | देवेश (८.१) |
जगन्निवास | जगन्निवास (८.१) |
छन्दः
उपेन्द्रवज्रा [११: जतजगग]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ | १० | ११ |
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अ | दृ | ष्ट | पू | र्वं | हृ | षि | तो | ऽस्मि | दृ | ष्ट्वा |
भ | ये | न | च | प्र | व्य | थि | तं | म | नो | मे |
त | दे | व | मे | द | र्श | य | दे | व | रू | पं |
प्र | सी | द | दे | वे | श | ज | ग | न्नि | वा | स |
ज | त | ज | ग | ग |