Summary
Neither by reciting Vedas, no by obseving austerity, nor by offering gifts, nor by performing sacrifice, can I be observed in this manner as you have see Me now.
पदच्छेदः
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नाहं | न (अव्ययः)–मद् (१.१) |
वेदैर्न | वेद (३.३)–न (अव्ययः) |
तपसा | तपस् (३.१) |
न | न (अव्ययः) |
दानेन | दान (३.१) |
न | न (अव्ययः) |
चेज्यया | च (अव्ययः)–इज्या (३.१) |
शक्य | शक्य (१.१) |
एवंविधो | एवंविध (१.१) |
द्रष्टुं | द्रष्टुम् (√दृश् + तुमुन्) |
दृष्टवानसि | दृष्टवत् (√दृश् + क्तवतु, १.१)–असि (√अस् लट् म.पु. ) |
मां | मद् (२.१) |
यथा | यथा (अव्ययः) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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ना | हं | वे | दै | र्न | त | प | सा |
न | दा | ने | न | न | चे | ज्य | या |
श | क्य | ए | वं | वि | धो | द्र | ष्टुं |
दृ | ष्ट | वा | न | सि | मां | य | था |