Summary
Behold the Adityas, the Vasus, the Rudras, the twin Asvins, and the Maruts; O son of Pandu, behold also many wonders that had never been seen before.
पदच्छेदः
Click to Toggle
पश्यादित्यान्वसून्रुद्रानश्विनौ | पश्य (√पश् लोट् म.पु. )–आदित्य (२.३)–वसु (२.३)–रुद्र (२.३)–अश्विन् (२.२) |
मरुतस्तथा | मरुत् (२.३)–तथा (अव्ययः) |
बहून्यदृष्टपूर्वाणि | बहु (२.३)–अदृष्ट–पूर्व (२.३) |
पश्याश्चर्याणि | पश्य (√पश् लोट् म.पु. )–आश्चर्य (२.३) |
भारत | भारत (८.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
---|
प | श्या | दि | त्या | न्व | सू | न्रु | द्रा |
न | श्वि | नौ | म | रु | त | स्त | था |
ब | हू | न्य | दृ | ष्ट | पू | र्वा | णि |
प | श्या | श्च | र्या | णि | भा | र | त |