Summary
(But) the trouble is much more for them, who have their mind fixed on the Unmanifest; for the Unmanifest-goal is attained with difficulty by men, bearing body.
पदच्छेदः
Click to Toggle
क्लेशो | क्लेश (१.१) |
ऽधिकतरस्तेषामव्यक्तासक्तचेतसाम् | अधिकतर (१.१)–तद् (६.३)–अव्यक्त–आसक्त (√आ-सञ्ज् + क्त)–चेतस् (६.३) |
अव्यक्ता | अव्यक्त (१.१) |
हि | हि (अव्ययः) |
गतिर्दुःखं | गति (१.१)–दुःखम् (अव्ययः) |
देहवद्भिरवाप्यते | देहवत् (३.३)–अवाप्यते (√अव-आप् प्र.पु. एक.) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
---|
क्ले | शो | ऽधि | क | त | र | स्ते | षा |
म | व्य | क्ता | स | क्त | चे | त | साम् |
अ | व्य | क्ता | हि | ग | ति | र्दुः | खं |
दे | ह | व | द्भि | र | वा | प्य | ते |