Summary
Just as a single sun illumines this entire world, so also the Lord-of-the-Field illumines the entire Field, O descendant of Bharata !
पदच्छेदः
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यथा | यथा (अव्ययः) |
प्रकाशयत्येकः | प्रकाशयति (√प्र-काशय् लट् प्र.पु. एक.)–एक (१.१) |
कृत्स्नं | कृत्स्न (२.१) |
लोकमिमं | लोक (२.१)–इदम् (२.१) |
रविः | रवि (१.१) |
क्षेत्रं | क्षेत्र (२.१) |
क्षेत्री | क्षेत्रिन् (१.१) |
तथा | तथा (अव्ययः) |
कृत्स्नं | कृत्स्न (२.१) |
प्रकाशयति | प्रकाशयति (√प्र-काशय् लट् प्र.पु. एक.) |
भारत | भारत (८.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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य | था | प्र | का | श | य | त्ये | कः |
कृ | त्स्नं | लो | क | मि | मं | र | विः |
क्षे | त्रं | क्षे | त्री | त | था | कृ | त्स्नं |
प्र | का | श | य | ति | भा | र | त |