Summary
Among them (the Strands) the Sattva-because it is dirtless-is illuminating and healthy; and it binds [the Embodied] by attachment to happiness and also by attachment to knowledge, O sinless one !
पदच्छेदः
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तत्र | तत्र (अव्ययः) |
सत्त्वं | सत्त्व (१.१) |
निर्मलत्वात्प्रकाशकमनामयम् | निर्मल–त्व (५.१)–प्रकाशक (१.१)–अनामय (१.१) |
सुखसङ्गेन | सुख–सङ्ग (३.१) |
बध्नाति | बध्नाति (√बन्ध् लट् प्र.पु. एक.) |
ज्ञानसङ्गेन | ज्ञान–सङ्ग (३.१) |
चानघ | च (अव्ययः)–अनघ (८.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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त | त्र | स | त्त्वं | नि | र्म | ल | त्वा |
त्प्र | का | श | क | म | ना | म | यम् |
सु | ख | स | ङ्गे | न | ब | ध्ना | ति |
ज्ञा | न | स | ङ्गे | न | चा | न | घ |