Summary
But, you should [also] know that the Tamas is born of ignorance and is a deluder of all the Embodied; it binds [them] by negligence, laziness and sleep, O descendant of Bharata !
पदच्छेदः
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तमस्त्वज्ञानजं | तमस् (२.१)–तु (अव्ययः)–अज्ञान–ज (२.१) |
विद्धि | विद्धि (√विद् लोट् म.पु. ) |
मोहनं | मोहन (२.१) |
सर्वदेहिनाम् | सर्व–देहिन् (६.३) |
प्रमादालस्यनिद्राभिस्तन्निबध्नाति | प्रमाद–आलस्य–निद्रा (३.३)–तद् (१.१)–निबध्नाति (√नि-बन्ध् लट् प्र.पु. एक.) |
भारत | भारत (८.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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त | म | स्त्व | ज्ञा | न | जं | वि | द्धि |
मो | ह | नं | स | र्व | दे | हि | नाम् |
प्र | मा | दा | ल | स्य | नि | द्रा | भि |
स्त | न्नि | ब | ध्ना | ति | भा | र | त |