Summary
The sun does not illumine That; nor the moon and nor the fire; That is My Abode Supreme, having gone to Which they (Yogins) never return.
पदच्छेदः
Click to Toggle
न | न (अव्ययः) |
तद्भासयते | तद् (२.१)–भासयते (√भासय् लट् प्र.पु. एक.) |
सूर्यो | सूर्य (१.१) |
न | न (अव्ययः) |
शशाङ्को | शशाङ्क (१.१) |
न | न (अव्ययः) |
पावकः | पावक (१.१) |
यं | यद् (२.१) |
प्राप्य | प्राप्य (√प्र-आप् + ल्यप्) |
न | न (अव्ययः) |
निवर्तन्ते | निवर्तन्ते (√नि-वृत् लट् प्र.पु. बहु.) |
तद्धाम | तद् (१.१)–धामन् (१.१) |
परमं | परम (१.१) |
मम | मद् (६.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
---|
न | त | द्भा | स | य | ते | सू | र्यो |
न | श | शा | ङ्को | न | पा | व | कः |
य | द्ग | त्वा | न | नि | व | र्त | न्ते |
त | द्धा | म | प | र | मं | म | म |