Summary
'I am rich; I am of of noble birth; who else is eal ot me ? I shall perform sacrifices; I shall give gifts; and I shall rejoice' - deluded by these wrong ideas;
पदच्छेदः
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आढ्यो | आढ्य (१.१) |
ऽभिजनवानस्मि | अभिजनवत् (१.१)–अस्मि (√अस् लट् उ.पु. ) |
को | क (१.१) |
ऽन्यो | अन्य (१.१) |
ऽस्ति | अस्ति (√अस् लट् प्र.पु. एक.) |
सदृशो | सदृश (१.१) |
मया | मद् (३.१) |
यक्ष्ये | यक्ष्ये (√यज् लृट् उ.पु. ) |
दास्यामि | दास्यामि (√दा लृट् उ.पु. ) |
मोदिष्य | मोदिष्ये (√मुद् लृट् उ.पु. ) |
इत्यज्ञानविमोहिताः | इति (अव्ययः)–अज्ञान–विमोहित (√वि-मोहय् + क्त, १.३) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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आ | ढ्यो | ऽभि | ज | न | वा | न | स्मि |
को | ऽन्यो | ऽस्ति | स | दृ | शो | म | या |
य | क्ष्ये | दा | स्या | मि | मो | दि | ष्य |
इ | त्य | ज्ञा | न | वि | मो | हि | ताः |