Summary
Self-conceited, stubborn, filled with pride and arrogance of wealth, they pretend to perform sacrifices with hypocricy, not following injunction [of the Vedas].
पदच्छेदः
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आत्मसंभाविताः | आत्मन्–संभावित (√सम्-भावय् + क्त, १.३) |
स्तब्धा | स्तब्ध (√स्तम्भ् + क्त, १.३) |
धनमानमदान्विताः | धन–मान–मद–अन्वित (१.३) |
यजन्ते | यजन्ते (√यज् लट् प्र.पु. बहु.) |
नामयज्ञैस्ते | नामन्–यज्ञ (३.३)–तद् (१.३) |
दम्भेनाविधिपूर्वकम् | दम्भ (३.१)–अ (अव्ययः)–विधि–पूर्वक (२.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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आ | त्म | सं | भा | वि | ताः | स्त | ब्धा |
ध | न | मा | न | म | दा | न्वि | ताः |
य | ज | न्ते | ना | म | य | ज्ञै | स्ते |
द | म्भे | ना | वि | धि | पू | र्व | कम् |