Summary
Arjuna said Those who remain with faith, but neglecting the scriptural injunction, - what is their state ? Is it Sattva, Rajas or Tamas ? O Krsna !
पदच्छेदः
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ये | यद् (१.३) |
ऽप्यन्यदेवता | अपि (अव्ययः)–अन्य–देवता (२.३) |
भक्ता | भक्त (१.३) |
यजन्ते | यजन्ते (√यज् लट् प्र.पु. बहु.) |
श्रद्धयान्विताः | श्रद्धा (३.१)–अन्वित (१.३) |
तेषां | तद् (६.३) |
निष्ठा | निष्ठा (१.१) |
तु | तु (अव्ययः) |
का | क (१.१) |
कृष्ण | कृष्ण (८.१) |
सत्त्वमाहो | सत्त्व (१.१)–आहो (अव्ययः) |
रजस्तमः | रजस् (१.१)–तमस् (१.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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ये | शा | स्त्र | वि | धि | मु | त्सृ | ज्य |
य | ज | न्ते | श्र | द्ध | या | न्वि | ताः |
ते | षां | नि | ष्ठा | तु | का | कृ | ष्ण |
स | त्त्व | मा | हो | र | ज | स्त | मः |