Summary
The steadfastness is performing sacrifice, in austerity and in giving gift is also called SAT; and also the act for such purpose is [hence] just called SAT.
पदच्छेदः
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यज्ञे | यज्ञ (७.१) |
तपसि | तपस् (७.१) |
दाने | दान (७.१) |
च | च (अव्ययः) |
स्थितिः | स्थिति (१.१) |
सदिति | सत् (१.१)–इति (अव्ययः) |
चोच्यते | च (अव्ययः)–उच्यते (√वच् प्र.पु. एक.) |
कर्म | कर्मन् (१.१) |
चैव | च (अव्ययः)–एव (अव्ययः) |
तदर्थीयं | तद्–अर्थीय (१.१) |
सदित्येवाभिधीयते | सत् (१.१)–इति (अव्ययः)–एव (अव्ययः)–अभिधीयते (√अभि-धा प्र.पु. एक.) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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य | ज्ञे | त | प | सि | दा | ने | च |
स्थि | तिः | स | दि | ति | चो | च्य | ते |
क | र्म | चै | व | त | द | र्थी | यं |
स | दि | त्ये | वा | भि | धी | य | ते |