Summary
O mighty-armed one ! Learn from Me these following five causes that have been declared in the conclusion of deliberations [on proper knowledge], for the accomplishment of all actions.
पदच्छेदः
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पञ्चैतानि | पञ्चन् (२.३)–एतद् (२.३) |
महाबाहो | महत्–बाहु (८.१) |
कारणानि | कारण (२.३) |
निबोध | निबोध (√नि-बुध् लोट् म.पु. ) |
मे | मद् (६.१) |
सांख्ये | सांख्य (७.१) |
कृतान्ते | कृतान्त (७.१) |
प्रोक्तानि | प्रोक्त (√प्र-वच् + क्त, २.३) |
सिद्धये | सिद्धि (४.१) |
सर्वकर्मणाम् | सर्व–कर्मन् (६.३) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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प | ञ्चै | ता | नि | म | हा | बा | हो |
का | र | णा | नि | नि | बो | ध | मे |
सां | ख्ये | कृ | ता | न्ते | प्रो | क्ता | नि |
सि | द्ध | ये | स | र्व | क | र्म | णाम् |