Summary
O Arjuna ! Whatever action is undertaken with the body, speech or the mind, whether it is lawful or otherwise, its factors are these five.
पदच्छेदः
Click to Toggle
शरीरवाङ्मनोभिर्यत्कर्म | शरीर–वाच्–मनस् (३.३)–यद् (२.१)–कर्मन् (२.१) |
प्रारभते | प्रारभते (√प्रा-रभ् लट् प्र.पु. एक.) |
नरः | नर (१.१) |
न्याय्यं | न्याय्य (२.१) |
वा | वा (अव्ययः) |
विपरीतं | विपरीत (२.१) |
वा | वा (अव्ययः) |
पञ्चैते | पञ्चन् (१.१)–एतद् (१.३) |
तस्य | तद् (६.१) |
हेतवः | हेतु (१.३) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
---|
श | री | र | वा | ङ्म | नो | भि | र्य |
त्क | र्म | प्रा | र | भ | ते | न | रः |
न्या | य्यं | वा | वि | प | री | तं | वा |
प | ञ्चै | ते | त | स्य | हे | त | वः |