Summary
The renunciation of the enjoined action does not stand to reason; and completely relinishing it, out of ignorance is proclaimed, on all sides, as an act of the Tamas (Strand).
पदच्छेदः
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तयोस्तु | तद् (६.२)–तु (अव्ययः) |
कर्मसंन्यासात्कर्मयोगो | कर्मन्–संन्यास (५.१)–कर्मन्–योग (१.१) |
विशिष्यते | विशिष्यते (√वि-शिष् प्र.पु. एक.) |
मोहात्तस्य | मोह (५.१)–तद् (६.१) |
परित्यागस्तामसः | परित्याग (१.१)–तामस (१.१) |
परिकीर्तितः | परिकीर्तित (√परि-कीर्तय् + क्त, १.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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नि | य | त | स्य | तु | सं | न्या | सः |
क | र्म | णो | नो | प | प | द्य | ते |
मो | हा | त्त | स्य | प | रि | त्या | ग |
स्ता | म | सः | प | रि | की | र्ति | तः |