Summary
On the other hand, if you deem This as being born constantly or as dying constantly, even then, O mighty-armed one, you should not lament This.
पदच्छेदः
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अथ | अथ (अव्ययः) |
चैनं | च (अव्ययः)–एनद् (२.१) |
नित्यजातं | नित्य–जात (√जन् + क्त, २.१) |
नित्यं | नित्य (२.१) |
वा | वा (अव्ययः) |
मन्यसे | मन्यसे (√मन् लट् म.पु. ) |
मृतम् | मृत (√मृ + क्त, २.१) |
तथापि | तथा (अव्ययः)–अपि (अव्ययः) |
त्वं | त्वद् (१.१) |
महाबाहो | महत्–बाहु (८.१) |
नैनं | न (अव्ययः)–एनद् (२.१) |
शोचितुमर्हसि | शोचितुम् (√शुच् + तुमुन्)–अर्हसि (√अर्ह् लट् म.पु. ) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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अ | थ | चै | नं | नि | त्य | जा | तं |
नि | त्यं | वा | म | न्य | से | मृ | तम् |
त | था | पि | त्वं | म | हा | बा | हो |
नै | नं | शो | चि | तु | म | र्ह | सि |