Summary
Stoop not to unmanliness, O son of Kunti ! It does not befit you. Shirking off the petty weakness of heart, arise, O scorcher of the foes !
पदच्छेदः
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क्लैब्यं | क्लैब्य (२.१) |
मा | मा (अव्ययः) |
स्म | स्म (अव्ययः) |
गमः | गमः (√गम् म.पु. ) |
पार्थ | पार्थ (८.१) |
नैतत्त्वय्युपपद्यते | न (अव्ययः)–एतद् (१.१)–त्वद् (७.१)–उपपद्यते (√उप-पद् लट् प्र.पु. एक.) |
क्षुद्रं | क्षुद्र (२.१) |
हृदयदौर्बल्यं | हृदय–दौर्बल्य (२.१) |
त्यक्त्वोत्तिष्ठ | त्यक्त्वा (√त्यज् + क्त्वा)–उत्तिष्ठ (√उत्-स्था लोट् म.पु. ) |
परंतप | परंतप (८.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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क्लै | ब्यं | मा | स्म | ग | मः | पा | र्थ |
नै | त | त्त्व | य्यु | प | प | द्य | ते |
क्षु | द्रं | हृ | द | य | दौ | र्ब | ल्यं |
त्य | क्त्वो | त्ति | ष्ठ | प | रं | त | प |