Summary
Arjuna said How shall I with arrows fight in battle against Bhisma and Drona, both being worthy of reverence ? O slayer of Mandhu, O slayer of foes !
पदच्छेदः
Click to Toggle
कथं | कथम् (अव्ययः) |
भीष्ममहं | भीष्म (२.१)–मद् (१.१) |
संख्ये | संख्य (७.१) |
द्रोणं | द्रोण (२.१) |
च | च (अव्ययः) |
मधुसूदन | मधुसूदन (८.१) |
इषुभिः | इषु (३.३) |
प्रतियोत्स्यामि | प्रतियोत्स्यामि (√प्रति-युध् लृट् उ.पु. ) |
पूजार्हावरिसूदन | पूजा–अर्ह (२.२)–अरि–सूदन (८.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
---|
क | थं | भी | ष्म | म | हं | सं | ख्ये |
द्रो | णं | च | म | धु | सू | द | न |
इ | षु | भिः | प्र | ति | यो | त्स्या | मि |
पू | जा | र्हा | व | रि | सू | द | न |