Summary
The mighty charioteers will think of you as having withdrawn from the battle out of fear : having been highly regarded by these men, you shall be viewed lightly.
पदच्छेदः
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भयाद्रणादुपरतं | भय (५.१)–रण (५.१)–उपरत (√उप-रम् + क्त, २.१) |
मंस्यन्ते | मंस्यन्ते (√मन् लृट् प्र.पु. बहु.) |
त्वां | त्वद् (२.१) |
महारथाः | महत्–रथ (१.३) |
येषां | यद् (६.३) |
च | च (अव्ययः) |
त्वं | त्वद् (१.१) |
बहुमतो | बहु–मत (√मन् + क्त, १.१) |
भूत्वा | भूत्वा (√भू + क्त्वा) |
यास्यसि | यास्यसि (√या लृट् म.पु. ) |
लाघवम् | लाघव (२.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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भ | या | द्र | णा | दु | प | र | तं |
मं | स्य | न्ते | त्वां | म | हा | र | थाः |
ये | षां | च | त्वं | ब | हु | म | तो |
भू | त्वा | या | स्य | सि | ला | घ | वम् |