Summary
The capacity to decide is not for one who is not a master of Yoga; and concentration of mind is not for one who is not a master of Yoga; and peace is not for one who does not concentrate; wherefrom could happiness come to one who has no peace ?
पदच्छेदः
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नास्ति | न (अव्ययः)–अस्ति (√अस् लट् प्र.पु. एक.) |
बुद्धिरयुक्तस्य | बुद्धि (१.१)–अयुक्त (६.१) |
न | न (अव्ययः) |
चायुक्तस्य | च (अव्ययः)–अयुक्त (६.१) |
भावना | भावना (१.१) |
न | न (अव्ययः) |
चाभावयतः | च (अव्ययः)–अभावयत् (६.१) |
शान्तिर् | शान्ति (१.१) |
अशान्तस्य | अशान्त (६.१) |
कुतः | कुतस् (अव्ययः) |
सुखम् | सुख (१.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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ना | स्ति | बु | द्धि | र | यु | क्त | स्य |
न | चा | यु | क्त | स्य | भा | व | ना |
न | चा | भा | व | य | तः | शा | न्ति |
र | शा | न्त | स्य | कु | तः | सु | खम् |