Summary
You appear to perplex my intellect with Your speech that looks confusing. Hence tell me, with certainty, that particular thing by which I may attain the good (emancipation).
पदच्छेदः
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व्यामिश्रेणैव | व्यामिश्र (३.१)–एव (अव्ययः) |
वाक्येन | वाक्य (३.१) |
बुद्धिं | बुद्धि (२.१) |
मोहयसीव | मोहयसि (√मोहय् लट् म.पु. )–इव (अव्ययः) |
मे | मद् (६.१) |
तदेकं | तद् (२.१)–एक (२.१) |
वद | वद (√वद् लोट् म.पु. ) |
निश्चित्य | निश्चित्य (√निः-चि + ल्यप्) |
येन | यद् (३.१) |
श्रेयो | श्रेयस् (२.१) |
ऽहमाप्नुयाम् | मद् (१.१)–आप्नुयाम् (√आप् विधिलिङ् उ.पु. ) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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व्या | मि | श्रे | णै | व | वा | क्ये | न |
बु | द्धिं | मो | ह | य | सी | व | मे |
त | दे | कं | व | द | नि | श्चि | त्य |
ये | न | श्रे | यो | ऽह | मा | प्नु | याम् |