Summary
The way in which men resort to Me, in the same way I favour them. O son of Prtha, all sorts of men follow the path of Mine.
पदच्छेदः
Click to Toggle
ये | यद् (१.३) |
यथा | यथा (अव्ययः) |
मां | मद् (२.१) |
प्रपद्यन्ते | प्रपद्यन्ते (√प्र-पद् लट् प्र.पु. बहु.) |
तांस्तथैव | तद् (२.३)–तथा (अव्ययः)–एव (अव्ययः) |
भजाम्यहम् | भजामि (√भज् लट् उ.पु. )–मद् (१.१) |
मम | मद् (६.१) |
वर्त्मानुवर्तन्ते | वर्त्मन् (२.१)–अनुवर्तन्ते (√अनु-वृत् लट् प्र.पु. बहु.) |
मनुष्याः | मनुष्य (१.३) |
पार्थ | पार्थ (८.१) |
सर्वशः | सर्वशस् (अव्ययः) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
---|
ये | य | था | मां | प्र | प | द्य | न्ते |
तां | स्त | थै | व | भ | जा | म्य | हम् |
म | म | व | र्त्मा | नु | व | र्त | न्ते |
म | नु | ष्याः | पा | र्थ | स | र्व | शः |