Summary
Men of good action who worship Me always are of four types: the afflicted, the seeker of knowledge, the seeker of wealth and the man of wisdom, O best among the Bharatas !
पदच्छेदः
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चतुर्विधा | चतुर्विध (१.३) |
भजन्ते | भजन्ते (√भज् लट् प्र.पु. बहु.) |
मां | मद् (२.१) |
जनाः | जन (१.३) |
सुकृतिनो | सुकृतिन् (१.३) |
ऽर्जुन | अर्जुन (८.१) |
आर्तो | आर्त (१.१) |
जिज्ञासुरर्थार्थी | जिज्ञासु (१.१)–अर्थ–अर्थिन् (१.१) |
ज्ञानी | ज्ञानिन् (१.१) |
च | च (अव्ययः) |
भरतर्षभ | भरत–ऋषभ (८.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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च | तु | र्वि | धा | भ | ज | न्ते | मां |
ज | नाः | सु | कृ | ति | नो | ऽर्जु | न |
आ | र्तो | जि | ज्ञा | सु | र | र्था | र्थी |
ज्ञा | नी | च | भ | र | त | र्ष | भ |