Summary
O Arjuna, I know the beings that are gone off, that are present and are yet to be born; but no one, knows Me.
पदच्छेदः
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वेदाहं | वेद (√विद् लिट् उ.पु. )–मद् (१.१) |
समतीतानि | समतीत (√समति-इ + क्त, २.३) |
वर्तमानानि | वर्तमान (√वृत् + शानच्, २.३) |
चार्जुन | च (अव्ययः)–अर्जुन (८.१) |
भविष्याणि | भविष्य (२.३) |
च | च (अव्ययः) |
भूतानि | भूत (२.३) |
मां | मद् (२.१) |
तु | तु (अव्ययः) |
वेद | वेद (√विद् लिट् प्र.पु. एक.) |
न | न (अव्ययः) |
कश्चन | कश्चन (१.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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वे | दा | हं | स | म | ती | ता | नि |
व | र्त | मा | ना | नि | चा | र्जु | न |
भ | वि | ष्या | णि | च | भू | ता | नि |
मां | तु | वे | द | न | क | श्च | न |