Summary
Whosoever, at the time of death also remembering Me alone, sets forth by abandoning his body [behind], he attains My being. There is no doubt about it.
पदच्छेदः
Click to Toggle
अन्तकाले | अन्त–काल (७.१) |
च | च (अव्ययः) |
मामेव | मद् (२.१)–एव (अव्ययः) |
स्मरन्मुक्त्वा | स्मरत् (√स्मृ + शतृ, १.१)–मुक्त्वा (√मुच् + क्त्वा) |
कलेवरम् | कलेवर (२.१) |
यः | यद् (१.१) |
प्रयाति | प्रयाति (√प्र-या लट् प्र.पु. एक.) |
स | तद् (१.१) |
मद्भावं | मद्–भाव (२.१) |
याति | याति (√या लट् प्र.पु. एक.) |
नास्त्यत्र | न (अव्ययः)–अस्ति (√अस् लट् प्र.पु. एक.)–अत्र (अव्ययः) |
संशयः | संशय (१.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
---|
अ | न्त | का | ले | च | मा | मे | व |
स्म | र | न्मु | क्त्वा | क | ले | व | रम् |
यः | प्र | या | ति | स | म | द्भा | वं |
या | ति | ना | स्त्य | त्र | सं | श | यः |