Summary
Therefore at all times keep Me in the mind and also fight; then, having your mind and intellect dedicated to Me, you will doubtlessly attain Me alone.
पदच्छेदः
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तस्मात्सर्वेषु | तस्मात् (अव्ययः)–सर्व (७.३) |
कालेषु | काल (७.३) |
मामनुस्मर | मद् (२.१)–अनुस्मर (√अनु-स्मृ लोट् म.पु. ) |
युध्य | युध्य (√युध् लोट् म.पु. ) |
च | च (अव्ययः) |
मय्यर्पितमनोबुद्धिर्मामेवैष्यस्यसंशयः | मद् (७.१)–अर्पित (√अर्पय् + क्त)–मनस्–बुद्धि (१.१)–मद् (२.१)–एव (अव्ययः)–एष्यसि (√इ लृट् म.पु. )–असंशय (१.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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त | स्मा | त्स | र्वे | षु | का | ले | षु |
मा | म | नु | स्म | र | यु | ध्य | च |
म | य्य | र्पि | त | म | नो | बु | द्धि |
र्मा | मे | वै | ष्य | स्य | सं | श | यः |