Summary
Yet, the beings do not exist in Me. Look at the Sovereign Yoga of Mine. My Self is the sustainer of the beings, does not exist in beings, and cuases beings to be born.
पदच्छेदः
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न | न (अव्ययः) |
च | च (अव्ययः) |
मत्स्थानि | मद्–स्थ (१.३) |
भूतानि | भूत (१.३) |
पश्य | पश्य (√पश् लोट् म.पु. ) |
मे | मद् (६.१) |
योगमैश्वरम् | योग (२.१)–ऐश्वर (२.१) |
भूतभृन्न | भूत–भृत् (१.१)–न (अव्ययः) |
च | च (अव्ययः) |
भूतस्थो | भूत–स्थ (१.१) |
ममात्मा | मद् (६.१)–आत्मन् (१.१) |
भूतभावनः | भूत–भावन (१.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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न | च | म | त्स्था | नि | भू | ता | नि |
प | श्य | मे | यो | ग | मै | श्व | रम् |
भू | त | भृ | न्न | च | भू | त | स्थो |
म | मा | त्मा | भू | त | भा | व | नः |